अशिक्षित है शिक्षामंत्री
सुन लो ओ जग वालों
कहता हूँ मैं खरी-खरी
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
जिसको घर का काज न आवे
वो प्रदेश का राज चलावे
जहाँ का लीडर अपनी सोचे
और समाज का बैंड बजावे
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
भाई भतीजा वाद बहुत है
भ्रष्टाचार आबाद बहुत है
मानवता ईमान नहीं कुछ
धर्म के नाम पे फसाद बहुत है
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
पत्थर पे लाखों का हार सजाते
पर गरीब को मार भगाते
अंधविश्वास का हाल ये देखो
बच्चों का भी शीश चढाते
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
हम दो हमारे सौ का नारा है
आबादी बढ़ाना ही काम प्यारा है
लड़की उनको भी कुंवारी चाहिए
जो खुद सौ-सौ मुंह मारा है
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
लोग चवन्नी बस यहाँ कमाते
शाम हुई खूब पी के आते
ज्ञान के नाम पर शून्य हैं फिर भी
बातें बड़ी-बड़ी कर जाते
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
'हीरो' की तुम देखो बातें
फुटपाथ पर गाडी चलते
लोग फिर भी है उनके 'फैन'
जो लोगों को नींद में उड़ाते
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
विश्व सुंदरी भी क्या कमाल करें
परोपकार समाज सेवा की बात करे
पहनते ही ताज मगर वो भी
'बॉलीवुड' की ही राह धरे
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
कहीं-कहीं हैं रातें उजली
कहीं-कहीं हैं दिन में भी अँधेरा
चंद लोग तो महलों में सोते
बाकी का है फुटपाथ बसेरा
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
विश्व सुंदरी भी क्या कमाल करें
जवाब देंहटाएंपरोपकार समाज सेवा की बात करे
पहनते ही ताज मगर वो भी
'बॉलीवुड' की ही राह धरे
ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा
बहुत ही सुन्दर एवं सार्थक लेखन .....
Very nice...Very Touching...
जवाब देंहटाएंयथार्थ को कहती अच्छी रचना ..अच्छा व्यंग है ..
जवाब देंहटाएंbahut yatharth kahti hui kavita ..waah ? mere blog par aane ke liae shukriya neelkamal ji ......
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना पाठ से, धन्य हुआ आभार |
जवाब देंहटाएंसदा बधाई आपको, बढे पोस्ट भण्डार ||
यथार्थ को कहती अच्छी रचना ..अच्छा व्यंग है ..
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट भाई साहब यथार्थ का लेखा परोसती . http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/09/blog-post_13.html
जवाब देंहटाएंअफवाह फैलाना नहीं है वकील का काम .
bahut achhha likha hai, desh samaaj ke haalaat ka sateek chitran. shubhkaamnayen.
जवाब देंहटाएंवर्त्तमान परिस्थिति के ऊपर कटाक्ष करती हुई सार्थक रचना .......
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और प्रभावशाली चित्रण!
जवाब देंहटाएंyatharth....jhannatedaar vyang...badhiya prastuti.
जवाब देंहटाएंयथार्थ को दर्शाती ..अच्छा प्रभावशाली सार्थक व्यंग ..
जवाब देंहटाएंbahut achachha vayangy hai ye ...bahut2 badhai
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पंक्तियां हैं... शानदार उम्दा रचना
जवाब देंहटाएंसमय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा, आपका स्वागत है.
आप सभी का मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ जो मेरे आग्रह पर आप आये और मेरे ब्लाग का अनुसरण किया उसके लिए पुनः धन्यवाद....
जवाब देंहटाएंहमेशा युहीं स्नेह बनाये रहिएगा आप सभी ब्लागर साथीगण
बेशक कितनी असलियत हो आपकी बातों में ..... अपने देश की इन बुराइयों को उसकी विशेषताएँ नहीं बनने देना है... बड़ा क्षोभ होता है जब हम अपने देश की बुराइयों को गाने की धुन में उतार लेते हैं.. फिर भी 'आपकी रचनात्मक भावना व्यंग्य-शीर्षासन के द्वारा भारतीय समाज को औषधि दे रही है'.. ये सोचकर पढ़ लेता हूँ.. आपके गीत को गाकर पढ़ने का मन नहीं करता क्योंकि अपने भारत की शान में कुछ भी अनुचित पढ़ने और सुनने का हिमायती नहीं.... फिर भी दर्पण दिखाने वाले को धन्यवाद करना हमारा कर्तव्य है.. सो इस प्रस्तुति के लिये साधुवाद....
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