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मेरे राजदार समर्थक मित्र बनने का शुक्रिया


सोमवार, 15 अगस्त 2011

15 अगस्त....


आप सभी मित्रों को स्वतंत्रता की ६५ वीं सालगिरह 
के इस पावन अवसर की अनेकानेक बधाईयाँ
आज हमारे देश को आजाद हुए ६५ वर्ष हो गए,
पर क्या हम सचमुच सम्पूर्ण रूप से
आजाद हैं ? 

क्या यह वही भारत है जिसका सपना हमारे 
वीर सपूतों ने अपनी प्राणों की बलिदान 
देकर देखी थी ?

पहले हम अंग्रेजों के गुलाम थे पर आज  हम
महंगाई, भ्रष्ट नेताओं और अफसरों के
गुलाम है,


महंगाई इस कदर हमें घेर चुकी 
है जहाँ से निकालने का कोई राह दिखाई
नहीं पड़ रही है
इस महंगाई रुपी डायन का अत्याचार 
इस कदर है कि इसकी मार सभी 
वस्तुओं पर देखी जा सकती है इसकी
असर को
खैर मैंने तो आप लोगों को स्वतंत्रता दिवस 
कि बधाई देने के लिए लिखना शुरू किया 
था पर मैं भटक कर कहाँ जा रहा हूँ इस
महंगाई के फेर में ........

पर एक बात जरुर बोलूंगा कि मुझे तो पता
है की मैं भटक कर कहाँ जा रहा था पर...
क्या किसी को पता है की यह देश की 
महंगाई कहाँ और किस ओर जा रही है ???
नीलकमल वैष्णव"अनिश"
http://neelkamalkosir.blogspot.com
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