Add

मेरी रचनाएं...

मेरे राजदार समर्थक मित्र बनने का शुक्रिया


शनिवार, 6 अगस्त 2011

प्यार क्या है.......



प्यार--- एक हवा, जो मन से मन तक खींचती है एक सुर्ख लकीर.
प्यार--- एक रौशनी, जो पलकों से पलकों तक बनाती है महबूब का
             रास्ता
प्यार--- एक कम्पन, जो होठों से होठों तक नुमाया होता है एक
             आग बनकर
प्यार--- जो घर की दहलीज से दुसरे घर की दहलीज के बीच एक
             घर तामीर नहीं कर पाता तो एक कब्र तामीर कर लेता  है
प्यार--- एहसास, आरजू, इंतज़ार, कसक, उदासी, घुटन, पीड़ा,
             आंसू, बेकरारी, सुकून, मुस्कुराहट, खामोशी, अदा, सदा,
             वादें, तन्हाइयां,सपने, इरादे .....
             इन सबकी एक ही कड़ी, एक रहनुमा--- प्यार
प्यार, जो मिल के नहीं मिलता  
प्यार, जो खोकर मिल जाता है
प्यार, जो पास रहता है तो कसक देता है
प्यार, जो दूर रहता है तो पीड़ा देता है
प्यार, जो मिल जाए तो हकीकत बन जाता है और न मिले तो
          अफसाना
प्यार, जो हो जाए किसी से तो अपनी ही साँसों की आवाज अपने
          ही कानों तक नहीं पहुचती, तन्हाइयां प्यारी लगने लगती
          है, दीवारों से बातें करना अच्छा लगता है, खुद के दिल का हाल
          खुद को ही सुनाना अच्छा लगता है.
प्यार--- जो न उम्र का बंधन देखता है न वक़्त को....
                        प्यार जिंदगी है.......
                
नीलकमल वैष्णव"अनिश"
www.neelkamalkosir.blogslot.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें